होटल में मुझे अपनी पुरानी पहचान वाली मिल गई थी उसके पति के साथ मैंने उसे चोदा और उसकी इच्छानुसार बहुत सारे लौड़ों से चुदने की उसकी इच्छा के लिए व्यवस्था बनानी शुरू कर दी..नेहा के जाने के बाद जब मैं शाम को सोकर उठा तब मैंने अपने कुछ खास दोस्तों को नेहा की इच्छा के बारे में बताया। करीब 20 लोग तैयार हो गए और आज शाम का प्रोग्राम फिक्स हो गया।मैंने उसी होटल में 4 रूम बुक करवाए और एक पार्टी का आर्डर होटल मैनेजर को दे दिया।मैनेजर मेरे जान पहचान वाला था.. सो उसने एक बैंक्वेट हॉल बुक कर दिया.. जिसमें शराब.. खाना और म्यूजिक की व्यवस्था कर दी।मैं करीब 5 बजे नेहा और करण के कमरे में गया। वो दोनों नंगे ही थे और शायद नेहा का जी अभी चुदाई से भरा नहीं था।मैं जैसे ही उनके कमरे में गया.. नेहा ने मुझे अन्दर खींच लिया और दरवाजा बंद कर लिया।करण अपने आपको ढकने की कोशिश कर रहा था.. तो नेहा ने कम्बल खींच लिया।मेरी आँखों के सामने दोनों ही नंगे थे। करण का लण्ड ठीक-ठाक था और मोटा भी था.. पर लुल्ला टाइप का था।नेहा उसके लण्ड को खड़ा करने की कोशिश कर रही थी पर खड़े होने की समस्या थी।नेहा ने मेरी तरफ देखा और मेरे पास आ गई और मुझे चूमने लगी।वो अपने पति के सामने मेरे साथ सेक्स करने की चाह रखती थी शायद.. तो मैं भी नंगा हो गया और उसको चूमने लगा।एक मिनट में मैं उस पर सवार हो गया और ज़ोरदार ठुकाई करने लगा।यह देख कर करण का लण्ड भी खड़ा हो गया और वो बाजू में आकर खड़ा हो गया।पर जैसे ही उसने लण्ड नेहा के मुँह में दिया.. उसने मना कर दिया और गाण्ड की तरफ इशारा किया।आज पहली बार मेरा आकलन गलत साबित हुआ था… यह नेहा तो काफी खेली-खाई निकली थी।खैर.. करण अब हमारे नीचे था.. मैं हट गया। नेहा ने धीरे-धीरे उसका लण्ड अपनी गाण्ड में डलवा लिया.. और वो झटके भी लेने लगी थी।अब मैं नेहा के ऊपर सवार हो गया और नेहा अब हम दोनों के बीच में थी।हम दोनों के लौड़े उसकी गाण्ड और चूत को पीट रहे थे,गैरमर्दोंसेचूतचुदाईऔरगैंगबैंगकीइच्छा वो जोर-जोर से चिल्ला रही थी और हमें चीयर कर रही थी।देर तक ठुकाई के बाद हम लोग शांत हो चुके थे और वहीं थोड़ी देर सो गए।मैंने धीरे से नेहा को आज शाम के प्रोग्राम के बारे में बताया तो वो खुश हो गई और बाथरूम में चली गई।करण जाग रहा था तो उसने मुझसे पूछ लिया।मैंने उसे बताया तो करण गुस्से में उठकर बाथरूम में घुस गया, वहीं उन दोनों में झगड़ा होने लगा था और दोनों एक-दूसरे को मार रहे थे।इतने में मैं वहाँ गया और दोनों का झगड़ा रोकते हुए बोला- करण भाई, तुम्हें अगर दो औरतें दो.. तो भी रात भर में तुम उसको संतुष्ट नहीं कर पाओगे और औरत की मजबूरी तो समझो कि वो क्या चाहती है। आज का दिन उसको खुला छोड़ दो और मज़ा देखो वो जिंदगी भर तुमसे ही प्यार करेगी और तुम्हें कभी भी धोखा नहीं देगी।करण- वो बात नहीं है.. मैंने तुमसे करने को मना नहीं किया.. पर 20 लोग और वो अकेली.. मर जाएगी यार वो..मैं- चलो एक काम करते हैं.. तुम भी वहाँ रहो.. मैं और 3 औरतों को भी वहाँ बुलाता हूँ और हाँ जिन लोगों को मैंने बुलाया है.. वो सब बड़े बिज़नेसमैन हैं.. तुम्हारे काम भी चल पड़ेंगे और तुम्हें मुनाफा भी होगा.. अब सोचो।तभी नेहा ने कहा- अब अगर हम मॉडर्न हो ही चुके हैं.. तो ये करके देखने में हर्ज ही क्या है और अगर तुम्हारा कोई बिज़नेस में फायदा होता है.. तो जिंदगी भर तुम्हें घर में ही रंडी मिल जाएगी और वैसे भी तुम्हारी एक गर्लफ्रेंड है ही.. उसको किसी से मत ठुकवाना और उसको घर लाकर रखोगे तो भी मुझे कोई प्रॉब्लम नहीं है।करण- ओके.. पर ये जबानी नहीं होगा.. तुम मुझे ये लिख कर दो कि तुम जिंदगी भर मैं जैसा कहूँगा और जिसके साथ कहूँ.. उसके साथ करना पड़ेगा और मेरी फ्रेंड अब मेरी बिना शादी के दूसरी बीवी होगी और हमारे साथ हमारे घर में ही रहेगी।वो दोनों सहमति से अब वो करने के लिए तैयार थे।नेहा बहुत ही खुश थी.. पर उसकी शर्त भी थी कि जो लण्ड उसे पसंद आएगा वो सिर्फ उसी से चुदवाएगी।अब नेहा खुश थी तो मैंने जाकर हॉल में सभी व्यवस्था देखी।शाम के करीब 8 बज चुके थे और होटल मैनेजर ने सारी तैयारी कर ली थी।पर उसने अचानक मुझसे कहा- राकेश भाई आज कुछ खास है क्या.. आप हमें भी मौका दिलवाओ।मैंने उसे भी हामी भर दी.. पर साथ ही साथ उससे कहा- तुम्हें यहाँ सर्व और बार टेंडर का काम भी करना पड़ेगा।वो राजी हो गया।करीब 8.15 को मेरे अच्छे दोस्त राज, सुमित, जैक आदि सब आ चुके थे। धीरे-धीरे 18 लोग जमा हो गए और अब मैं नेहा और करण को बुलाने के लिए गया।मैं जैसे ही कमरे में घुसा.. मैं नेहा को देखता ही रह गया। नेहा ने एक ऐसा कपड़ा पहना था.. जिसमें से उसका सारा शरीर दिखाई पड़ रहा था। एक चाबुक हाथ में था और कंडोम के पैकिट भी थे।हम लोग अब हॉल के तरफ बढ़ चले थे कि अफ़रोज़ और ज़ाकिर वहीं रास्ते में मिल गए।मैंने उन्हें नेहा से मिलवाया.. नेहा ने उनको एक मादक स्माइल दी और उन्होंने उसको कंधे पर उठाया और हॉल की तरफ चल दिए।जैसे ही हम हॉल में पहुँचे.. नेहा ने कहा- मैं सबको चांस दूँगी.. बस मेरे हिसाब से करोगे तो.. बोलो क्या आप लोग तैयार हो?हॉल में सभी की आवाज़ गूंजी- हाँआंआआ..नेहा- चलो सभी अपने-अपने कपड़े निकालो।अब सभी ने कपड़े निकाले और नेहा के सामने खड़े हो गए, इसमें सबसे तगड़ा लण्ड अफ़रोज़ का था और सबसे छोटा राज का था।जैसे कि मैंने आपको पहले ही बताया है कि मैंने काम्या और सुशीला को भी बुलाया था.. वो दोनों भी अब नंगी थीं। अकेली नेहा अपने लिबास में थी।जैसे ही नेहा ने अपना लिबास निकाला ज़ाकिर उसकी चूत के पास आया.. पर नेहा ने उसको हटा कर लाइन में खड़े रहने को कहा।नेहा- मैं कोई रण्डी नहीं हूँ.. पर आज के दिन मैं रण्डी बनना चाहती हूँ.. अपने पति के लिए.. इनका बिजनेस घाटे में चल रहा है.. और जो उनकी मदद करना चाहेगा.. वो मेरी चूत और गाण्ड का मज़ा ले सकता है.. और जो नहीं कर सकता.. उनका पानी में हाथ से निकाल दूँगी।वहाँ अच्छे-अच्छे बिज़नेसमैन थे.. सो 11 लोग तैयार हो गए.. पर उन्होंने कहा- हम पैसों की कोई मदद नहीं कर सकते.. पर हाँ हम लोग मोरल सपोर्ट करेंगे और बिजनेस अच्छा बढ़ाने के लिए मदद करेंगे। बाकी 9 लोगों ने कहा कि हम पैसों की मदद कर सकते हैं।कोई बीस हजार, कोई पचास हजार तक देने को तैयार हुआ.. पर उन्होंने एक शर्त रखी कि वो लगातार चोदेंगे और आज के बाद भी जब भी मौका मिलेगा.. तब उसको चुदवाना पड़ेगा।नेहा- मैं आपकी शर्त को मानती हूँ.. पर आज की इस घटना की वीडियो शूटिंग मैं करने वाली हूँ.. तो किसी को कोई ऐतराज तो नहीं न?सभी बोले- नहीं..नेहा- ये वीडियो शूटिंग मेरे काम की रसीद होगी और जब भी मेरा मन चाहेगा मैं आपसे चुदवाउंगी और मदद भी मांगूंगी।सभी ने हामी भर दी और शुरू हो गया चोदम-चुदाई का खेल।एक साथ दो-दो लण्ड नेहा की चूत में थे.. गाण्ड में एक.. मुँह में एक.. और हाथ में दो.. नेहा एक साथ 6 लण्डों से अपनी चुदाई करवा रही थी और बाकी लोग अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे।उस रात में नेहा बाकी की दो लौंडियों के साथ 20 लोगों से बार-बार चुदी। सवेरे-सवेरे जब सभी शांत हो गए तो होटल का मैनेजर उसके पास गया और कहा- मैडम जी अगर आप इजाजत दें.. तो क्या मैं भी आपको चोद सकता हूँ.. मैं आपका पूरा बिल माफ़ कर दूँगा।नेहा ने हामी भर दी।मैनेजर ने भी देर तक उसकी चुदाई की और बाकी सभी लोग अपने-अपने घर चले गए।नेहा देर शाम तक सोती रही और जब उठी.. तब उसकी चूत अब दर्द कर रही थी और वो चलने के लायक भी नहीं थी।शाम तक मेरे लोगों ने अपना वादा पूरा किया.. और उसके पति को आर्डर मिलना शुरू हो गए।यह सिलसिला करीब एक साल तक चलता रहा.. पर एक दिन मुझे नेहा का फ़ोन आया और उसने कहा- राकेश, मुझे HIV हुआ है.. मेरे पति को नहीं.. उन्होंने दूसरी शादी कर ली है।जो हुआ.. वो बहुत शर्मनाक था.. कोई भी जोश में आकर अपने आपको रोक नहीं पाता है.. बिजनेस में फायदे के लिए पत्नियाँ अपने पति के लिए कुछ भी करती हैं.. पर इन सभी परिणामों के बारे में सोचती नहीं हैं।मैंने भी अपना HIV टेस्ट करवाया और बाकी लोगों को भी करवाने के लिए कहा मुझे HIV नहीं हुआ था.. पर वरुण का HIV पोजिटिव निकला और उसकी वजह से नेहा को हो गया था।आप मुझे अपनी राय मेरी ईमेल पर भेज सकते हैं।[email protected] 顶: 49282踩: 78136
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