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No Fly Zone के मसले पर आखिर क्यों यूक्रेन की मांग नहीं मान रहा NATO?

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简介रूस और यूक्रेन में जंग जारी है. यूक्रेन के आसमान में रूसी सेना के लड़ाकू विमान उड़ रहे हैं और उसके श ...

रूस और यूक्रेन में जंग जारी है. यूक्रेन के आसमान में रूसी सेना के लड़ाकू विमान उड़ रहे हैं और उसके शहरों और सैन्य ठिकानों पर बमबारी कर रहे हैं. यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की (Volodymyr Zelensky) लगातार अमेरिका और NATO से यूक्रेन के ऊपर नो फ्लाई जोन (No Fly Zone) घोषित करने की मांग कर रहे हैं. हालांकि,केमसलेपरआखिरक्योंयूक्रेनकीमांगनहींमानरहा NATO ने जेलेंस्की की इस अर्जी को ठुकरा दिया है.- नो फ्लाई जोन उस इलाके को कहा जाता है जिसके ऊपर से विमानों को उड़ान भरने पर रोक होती है. आमतौर पर ऐसा सुरक्षा कारणों के लिहाज से किया जाता है. नो फ्लाई जोन वाले इलाके में किसी भी तरह के विमान उड़ नहीं सकते.- इसे ऐसे समझिए कि आगरा में ताजमहल के ऊपर नो फ्लाई जोन है. ताजमहल के ऊपर से कोई भी विमान उड़ नहीं सकता. अगर उसके ऊपर से कोई विमान उड़ता है तो उसे मार दिया जाता या उतार दिया जाता है.- जेलेंस्की चाहते हैं कि अमेरिका, ब्रिटेन और NATO देश यूक्रेन को नो फ्लाई जोन घोषित कर दें. ऐसा हुआ तो यूक्रेन के ऊपर से रूस के लड़ाकू विमान भी नहीं उड़ सकते और अगर उड़ेंगे तो उन्हें मार दिया जाएगा.- नहीं. एयरस्पेस बंद होना और नो फ्लाई जोन घोषित करना, दोनों में बहुत फर्क होता है. एयरस्पेस बंद होने से कमर्शियल फ्लाइट उड़ान नहीं भर सकती. वहीं, नो फ्लाई जोन में कोई भी विमान उड़ान नहीं भर सकता.ये भी पढ़ें--- यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने अमेरिका, ब्रिटेन और NATO देशों से पूरे यूक्रेन को नो फ्लाई जोन घोषित करने की मांग की है. जेलेंस्की चाहते थे कि अमेरिका, ब्रिटेन और NATO देश यूक्रेन को नो फ्लाई जोन घोषित कर दें. हालांकि, उनकी ये मांग ठुकरा दी गई है.- जेलेंस्की की अपील पर अगर अमेरिका, ब्रिटेन या NATO देश यूक्रेन को नो फ्लाई जोन घोषित कर देते तो उन्हें फिर यूक्रेन में अपने विमान भेजने पड़ते. जेलेंस्की का ये भी कहना था कि आसमान से रूस की सेना बम बरसा रही है, जिसमें आम लोग मारे जा रहे हैं. इसे रोकने के लिए नो फ्लाई जोन घोषित करना जरूरी है.- यूक्रेन को नो फ्लाई जोन घोषित करने का मतलब है रूस से सीधा टकराव. अगर अमेरिका, ब्रिटेन या NATO देश यूक्रेन को नो फ्लाई जोन घोषित कर देते तो उन्हें यूक्रेन के आसमान की निगरानी के लिए अपने लड़ाकू विमान भेजने पड़ते.- सैन्य संघर्षों में नो फ्लाई जोन घोषित करना बहुत संवेदनशील मुद्दा बन जाता है. किसी इलाके को नो फ्लाई जोन घोषित करने वाले देश या संगठन को वहां लड़ाकू विमान भी भेजने पड़ते हैं और अगर किसी दूसरे देश का विमान वहां उड़ान भरता दिखता है तो उसे जबरदस्ती या तो उतार दिया जाता है या मार दिया जाता है.- राष्ट्रपति जेलेंस्की की मांग ठुकराते हुए NATO महासचिव जेन्स स्टोलटेनबर्ग (Jens Stoltenberg) ने कहा था कि अगर हम ऐसा करते हैं तो इससे पूरे यूरोप में युद्ध होने का खतरा है.- उन्होंने कहा कि अगर नो फ्लाई जोन घोषित किया जाता है तो हमें वहां रूसी विमानों को मार गिराने के लिए अपने विमान भेजने पड़ेंगे, जिससे पूरे यूरोप पर युद्ध का खतरा बढ़ जाएगा. अमेरिका के सेक्रेटरी ऑफ स्टेट ने भी कहा था कि हम कोई टकराव नहीं चाहते.- ब्रिटेन ने भी जेलेंस्की की मांग को ठुकरा दिया है. ब्रिटेन के उप प्रधानमंत्री डोमिनिक राब (Dominic Raab) ने कहा था कि हम ऐसा नहीं करेंगे क्योंकि हमें रूसी विमानों को मार गिराने के लिए अपने विमान भेजने पड़ेंगे.- रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) ने चेतावनी दी थी कि अगर कोई तीसरा देश यूक्रेन को नो फ्लाई जोन घोषित करता है तो इसे रूस के खिलाफ सैन्य टकराव माना जाएगा.- पुतिन ने शनिवार को सैन्य अधिकारियों के साथ मीटिंग में कहा था कि हम इसे सैन्य टकराव मानेंगे और जरा भी नहीं सोचेंगे कि वो किस संगठन के सदस्य हैं.

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