इसके बाद तो हमारा रूटीन ही बदल गया,दोस्तकीबीवीबनीमाशूका विकास से हरी झंडी पाकर नीता मुझसे जुड़ती चली गई। नीता और मैं रोज कई बार बात करते!नीता ने मुझे कह रखा था कि जब तक विकास मेरे पीछे पड़कर मुझे घर नहीं बुलाये, मैं नहीं आऊँ…जब मैंने पूछा ‘ऐसा क्यों…?’तो वो बोली- विकास कितनी भी कसम खा ले… पर शक हमेशा करेगा! इसलिए अगर मैं अपनी मर्जी से उनके घर गया तो शायद चुदाई न हो… और अगर विकास मुझे खुशामद करके ले जाएगा तो वो चुदाई भी करवाएगा।और ऐसा ही हुआ।विकास ने दो-तीन दिन बाद मुझ से घर आने को कहा तो मैंने काम का बहाना बना कर टाल दिया।अगले दिन विकास ने मुझे फ़ोन पर काफी जोर दिया और घर आने को कहा।मेरा भी लंड तो जोर मार ही रहा था, मैं शाम को घर से नहा कर खाना जल्दी खाकर निकला, रोमा को बोल दिया कि लौटने में देर हो जाएगी।मैं सीधा विकास के घर गया।नीचे चाचीजी बोली- कभी रोमा को भी ले आया कर?अब मैं उनको क्या कहता?पर दिमाग में एक आईडिया आया कि क्यों न रोमा को भी इस खेल में शामिल कर लिया जाए!पर इसमें मुझे विकास और रोमा दोनों की नीयत जाननी जरूरी थी।‘चलो अभी तो ऊपर चलूँ और अपनी माशूका की प्यास बुझाऊँ…’ यह सोच कर में तेजी से ऊपर गया।ऊपर विकास अकेला था, नीता कहीं दिखाई नहीं दे रही थी।मैं बड़ा उदास हुआ कि मुझे विकास ने बुलाया क्यों है?विकास मेरी परेशानी समझ गया और हंस कर बोला- नीता नहा रही है!तभी नीता ने विकास को आवाज दी और कहा- जरा मेरी पीठ पर साबुन लगा दो…विकास ने मेरी ओर आँख मार कर कहा- सनी तू जा!मैंने कहा- मेरे कपड़े भीग जायेंगे!तो विकास ने कहा- कपड़े उतार दे और तौलिया लपेट कर चला जा!मुझे संकोच हो रहा था तो विकास ने मेरे हाथ में तौलिया थमा दिया।मैं समझा कि यह सब नीता की बनाई कहानी है।मगर ऐसा था नहीं, यह विकास ने प्लान किया था क्योंकि इससे उसे लगा कि नीता खुश हो जाएगी।अब मैं केवल तौलिया लपेट कर बाथरूम में घुसने के लिए तैयार हुआ, विकास ने नीता को आवाज दी- दरवाजा खोल दो।और खुद बाथरूम में घुसा और लाइट बंद कर दी।फिर वो बाहर आ गया और मुझे बाथरूम में कर दिया।अन्दर अँधेरा था और दो बदन नंगे थे।मैंने नीता को टटोला और उसे अपने होंठों से चिपका लिया।नीता दंग रह गई, बोली- तुम कब आये और विकास कहाँ है?मैंने उसे बताया- विकास ने ही मुझे भेजा है तुम्हें नहलाने के लिए!नीता यह सुन कर गर्म हो गई और मुझे शावर के नीचे खींच ले गई।एक तो नंगे बदन ऊपर से शावर की बौछार… मानो सावन में आग लग गई थी।यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !मैंने उसे उठाना चाहा तो नीता ने अपना एक पैर टोंटी पर रख दिया और अपनी चिकनी चूत मेरे आगे कर दी।मैंने भी अपना लंड उसकी चूत के मुंह पर रख कर अन्दर धकेल दिया।सच जन्नत का मजा आ रहा था, नीचे चूत और लंड मिल रहे थे, बीच में उसके मम्मे मेरी छाती से टकरा रहे थे और ऊपर दोनों की जीभ एक दूसरे को चूस रही थी।तभी विकास की बाहर से आवाज आई- कुछ मेरे लिए भी छोड़ दो…हमने अपने को संभाला और तौलिया लपेट कर बाहर आ गए।बाहर आकर नीता ने एक लम्बा चुम्बन विकास को दिया और उसकी शॉर्ट्स में हाथ डाल कर उसका लंड पकड़ लिया।विकास सारी शिकायत भूल कर नीता को उठा कर बेड पर ले गया और उसका तौलिया निकाल कर उसके मम्मे चूसने लगा।मैं भी बेड पर आ गया, अब नीता का एक मम्मा मैं चूस रहा था दूसरा विकास!नीता के दोनों हाथों में हम दोनों के लंड थे।विकास ने अपनी उंगली उसकी चूत में कर रखी थी जिसकी स्पीड वो बढ़ाता जा रहा था।नीता ने भी अब आवाजें निकालनी शुरु कर दी थी, नीता अब विकास से बोली- जल्दी से मेरी चूत में आ जाओ।नीता अब हाँफ रही थी और बड़बड़ाते हुए कह रही थी- विकास… सनी… मेरी चूत की आग बुझा दो, दोनों मिल कर फाड़ दो मेरी.. आ जाओ जानू मेरी चूत आज तुम दोनों के लंड खा जाएगी!विकास ने भी कहा- हाँ जानू, आज हम तेरी चूत का भोसड़ा बना देंगे, दोनों मिलकर तेरे को बहुत मजा देंगे! तेरी चूत फाड़ ही देंगे!विकास नीचे लेट गया और अपने ऊपर उसने नीता को लिटा लिया पीठ के बल और अपना लंड उसकी चूत में घुसेड़ दिया।वो नीचे से धक्के दे रहा था।विकास ने कहा- सनी तू ऊपर से आ जा!एक बार तो मुझे लगा कि वाकयी इससे तो नीता की चूत फट ही जाएगी… एक चूत में दो लंड…मुझे सकुचाता हुआ देख कर विकास बोला- घबरा मत, कुछ नहीं होगा… आज इस हरामजादी की चूत बिल्कुल रंडी की चूत बनी हुई है, जितनी मर्जी लंड खा लेगी!नीता भी बोली- हाँ सनी, आज देखूँगी कि तुम दोनों के लंडों में कितना दम है!यह सुनकर में भी अपना लंड अपने हाथ में लेकर बिस्तर पर चढ़ गया और नीता की चूत में पेल दिया।एक बार तो नीता चीखी फिर मेरे को अपनी बाँहों में भर लिया।अब उसकी चूत में दो दो लंड थे, मैंने भी चुदाई शुरू कर दी।नीता बड़बड़ा रही थी- मजा आ गया सनी और जोर से.. आज सारी कसर निकाल दो… मेरी प्यास बुझा दो दोनों मिलकर…विकास के धक्के तो तेज नहीं लग पा रहे थे पर मैंने अपनी रफ़्तार राजधानी एक्सप्रेस जैसी कर दी। दो मिनट के बाद मेरा होने को आया तो मैंने नीता से पूछा- जानू क्या मैं तुम्हारे मुँह में आ जाऊँ या मम्मों पर?नीता बोली- जहाँ तुम्हारा मन आये वहीं आ जाओ, मैं तो अब तुम दोनों की हूँ!मैंने अपना लंड निकालकर उसके मुँह में कर दिया, मेरा फव्वारा छूटा तो उसने अपने हाथों से मेरा लंड पकड़ लिया और लोलीपॉप की तरह चूस कर चाट कर साफ़ कर दिया।उधर विकास ने भी अपना माल उसकी चूत में खाली कर दिया।मैंने नीता को दोबारा होंठों से चिपका लिया और उसके मुँह में अपनी जीभ डाल दी।उसके मुँह में मेरे वीर्य का स्वाद था।अब वक़्त हो चुका था मेरे घर जाने का!अब मेरे और नीता को कोई रोकने वाला नहीं था!और कोई यानि विकास रोकता भी क्यों और कैसे… उसको यह अहसास हो चुका था कि वो अपने खेल में फँस चुका है। अब केवल एक ही रास्ता है कि वो इसे एन्जॉय करेऔर अब वो यह कर भी रहा था।हम लोगों ने यह तय किया कि अब हम लोग हफ्ते में एक बार जरूर मिलेंगे और जोरदार मस्ती होगी।एक दिन नीता ने मुझे बताया कि अगले दिन उसकी चचेरी बहन कावेरी आ रही है और इस बार नीता को कावेरी की सेटिंग विकास से करनी है तो अगले चार पाँच दिन वो बिजी रहेगी।अगली कहानी में आपको बताऊँगा कि नीता, कावेरी और विकास ने क्या गुल खिलाये![email protected]
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